
UP News: रायबरेली में कुत्तों का छाया आतंक, दो महीने में 23,000 से ज्यादा काटने के मामले, प्रशासन बेखबर
UP News: रायबरेली जिले में आवारा कुत्तों का आतंक दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। हालात ऐसे हो चले हैं कि लोग घर से बाहर निकलने में डर महसूस कर रहे हैं। जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी डीएस अस्थाना के अनुसार, जनवरी से अब तक रायबरेली में कुल 23,404 कुत्तों के काटने के मामले दर्ज किए जा चुके हैं। इनमें 18,915 मामले आवारा कुत्तों के हैं, जबकि 4,489 पालतू कुत्तों के काटने के हैं।
शिवगढ़ में बच्चों पर हमला
चार दिन पहले शिवगढ़ क्षेत्र में कुत्तों ने तीन बच्चों को अपना निशाना बनाया। कसना गांव में एक ही परिवार के 9 वर्षीय शनि और 11 वर्षीय अंशिका कथा कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे, तभी एक आवारा कुत्ता उन पर झपट पड़ा। बच्चों की चीख सुनकर मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने डंडों से कुत्ते को भगाया। इसी दिन पिपरी मोहल्ले में 13 वर्षीय ज्योति पर भी एक आवारा कुत्ते ने हमला कर घायल कर दिया। तीनों बच्चों को तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शिवगढ़ में ले जाकर एंटी-रेबीज वैक्सीन दी गई।
महाराजगंज में 15 लोगों पर हमला
1 जून को थाना महाराजगंज क्षेत्र में हालात और भयावह हो गए जब एक पागल कुत्ते ने 15 लोगों पर हमला कर दिया। इसमें महिलाएं, बच्चे और पुरुष शामिल थे। सभी को समय रहते अस्पताल ले जाया गया और उनका इलाज किया गया। इस घटना के बाद स्थानीय लोगों ने प्रशासन और वन विभाग से मांग की कि ऐसे खतरनाक कुत्तों को जल्द से जल्द पकड़ा जाए।
आंकड़ों से झलकता खौफ
जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी डीएस अस्थाना द्वारा साझा किए गए आंकड़े चौंकाने वाले हैं। महज दो महीनों में 23,404 मामले दर्ज होना अपने आप में इस बात का संकेत है कि यह एक गंभीर स्वास्थ्य और सुरक्षा संकट बन चुका है। स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक अस्पतालों और जिला अस्पतालों में एंटी-रेबीज वैक्सीन के लिए लगातार लोगों की भीड़ देखी जा रही है।
डॉक्टरों की सलाह
डॉक्टरों के अनुसार, गर्मी के मौसम में कुत्तों में चिड़चिड़ापन और आक्रामकता बढ़ जाती है। उनका कहना है कि इस मौसम में विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है। डॉक्टरों ने पालतू कुत्तों के मालिकों को सलाह दी है कि वे समय-समय पर टीकाकरण कराएं। कुत्ता काटने की स्थिति में घाव को तुरंत साबुन या डेटॉल से कम से कम 10-15 मिनट तक धोकर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर टीका जरूर लगवाएं।
प्रशासन की अनदेखी
इतनी बड़ी संख्या में मामले सामने आने के बावजूद प्रशासन की ओर से अब तक कोई संगठित या ठोस कार्य योजना सामने नहीं आई है। जिला विकास अधिकारी अर्पित उपाध्याय ने स्पष्ट किया कि ग्रामीण क्षेत्रों में कुत्ते पकड़ने के लिए फिलहाल कोई योजना नहीं है। वहीं, नगर पालिका रायबरेली के कार्यकारी अधिकारी सवर्ण सिंह का कहना है कि कुत्तों को पकड़ने का टेंडर आमतौर पर बड़े नगर निगमों में ही होता है और रायबरेली नगर पालिका में ऐसा कोई टेंडर अभी तक नहीं हुआ है।