
UP News: ईरान में फंसे लखनऊ के जायरीन: परिवारों की आंखों में उम्मीद की चमक, दिलों में बेचैनी
UP News: ईरान और इज़रायल के बीच बढ़ते तनाव के बीच लखनऊ के 23 जायरीन अभी भी ईरान के मशहद शहर में फंसे हुए हैं। ज़ियारत के लिए गए इस समूह में महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे भी शामिल हैं। जहां एक ओर ऑपरेशन सिंधु के तहत 110 भारतीय छात्रों को सुरक्षित स्वदेश लाया गया है, वहीं ये जायरीन अपने वतन लौटने की राह तक रहे हैं। हर बीतता पल उनके परिजनों के लिए चिंता और प्रार्थना लेकर आता है।
गोलागंज से गई थी जायरीन की टोली
लखनऊ के गोलागंज निवासी सैयद मोहम्मद अली काज़मी 29 मई को अपने माता-पिता, पत्नी, बहन और एक बच्चे के साथ ज़ियारत के लिए ईरान रवाना हुए थे। यह यात्रा धार्मिक आस्था से जुड़ी थी, और उनके साथ मौलाना कल्बे आबिद की अगुवाई में कुल 23 लोग शामिल थे। इनमें 14 महिलाएं भी थीं। काज़मी ने जानकारी दी कि ज़ियारत संपन्न हो चुकी है और वर्तमान में सभी मशहद शहर के एक होटल में रुके हुए हैं।
काज़मी ने बताया कि उन्हें 21 जून को तेहरान एयरपोर्ट से भारत लौटना था, लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए उनकी फ्लाइट की स्थिति अब तक स्पष्ट नहीं हो सकी है।
भारतीय एम्बेसी बना सहारा
स्थिति को गंभीरता से समझते हुए, भारत में मौजूद काज़मी की बहन ने उन्हें भारतीय एम्बेसी का एक लिंक भेजा, जिसमें एक फॉर्म भरकर भेजना था। उन्होंने तुरंत ग्रुप की पूरी जानकारी साझा की। इसके बाद भारतीय दूतावास की ओर से दो बार कॉल आया। एम्बेसी ने उन्हें भरोसा दिलाया कि तुर्कमेनिस्तान बॉर्डर के रास्ते उन्हें सुरक्षित भारत लाने की व्यवस्था की जा रही है।
हालांकि उन्हें अभी मशहद में ही रुकने की सलाह दी गई है, लेकिन अब एक उम्मीद की किरण दिखाई देने लगी है।
जायरीन की सूची
इस ग्रुप में शामिल लोगों के नाम इस प्रकार हैं: मुसय्यब हुसैन, निकहत फातिमा, सैयद मोहम्मद अली काज़मी, सैयद मूसा अली काज़मी, ऐमन मूसवी, नुजहत फातिमा, तिलत फातिमा, अजरा खान, असगर मेहंदी खान, सैयद जफर रज़ा आबिदी, कल्बे आबिद खान, रियाज़ फातिमा, फातिमा बेगम, सैयद मोहम्मद जाकिर अली काज़मी, यास्मीन मुनीर, फाजिला फातिमा काज़मी, हिना नकवी, जफर अब्बास नकवी, जरीना बेगम, मंजर मसूद, शाहीन फातिमा, सामेया रिजवी और जक्को बीबी।
छात्रों की वापसी बनी राहत की खबर
गुरुवार सुबह 110 भारतीय छात्र ‘ऑपरेशन सिंधु’ के तहत सुरक्षित भारत लौट आए। जैसे ही वे एयरपोर्ट पर उतरे, चेहरे पर मुस्कान और आंखों में राहत साफ दिखी। लौटे छात्रों ने भारत सरकार और दूतावास का आभार जताया।
एक छात्र यासिर गफ्फार ने बताया, “रात में ऊपर आसमान से मिसाइलें गुजरती थीं और ज़ोरदार धमाके सुनाई देते थे। डर बहुत था, लेकिन अब भारत लौटकर चैन मिला है।”
वहीं छात्रा ग़ज़ल ने कहा, “दूतावास ने हमारी बहुत मदद की। जहां हम रुके थे, वह इलाका थोड़ा सुरक्षित था, लेकिन डर बना हुआ था।”
500 से ज्यादा जायरीन अब भी विदेश में फंसे
ईरान और इराक के धार्मिक स्थलों की यात्रा पर गए लगभग 500 भारतीय जायरीन, जिनमें लखनऊ के लोग भी शामिल हैं, अब भी वहीं फंसे हुए हैं। भारतीय दूतावास ने इनकी जानकारी ट्रैवल एजेंटों से मांगी है ताकि उनकी सहायता की जा सके।
मेहंदी टूर एंड ट्रैवल के मैनेजर अकील जाफर रिज़वी ने बताया कि उनके ज़रिए गए 28 लोगों का एक ग्रुप 27 मई को ईराक गया था और 9 जून को ईरान पहुँचा। यह ग्रुप 18 जून को तेहरान से लौटने वाला था, लेकिन अब वे क़ुम शहर में फंसे हुए हैं। सभी लोग सुरक्षित हैं और दूतावास लगातार संपर्क में है।
एम्बेसी की पहल और टोल फ्री सहायता
दूतावास ने सभी जायरीन की जानकारी के लिए गूगल फॉर्म और टोल फ्री नंबर जारी किया है, ताकि जरूरतमंद अपनी जानकारी साझा कर सकें और मदद पा सकें। संकट की इस घड़ी में हर कोई उम्मीद लगाए बैठा है कि जैसे छात्र सुरक्षित लौटे, वैसे ही जल्द सभी जायरीन भी अपने वतन लौट सकें।