
France Protest: नेपाल के बाद अब फ्रांस में उथल-पुथल: सड़कें जाम, पुलिस और प्रदर्शनकारियों में भिड़ंत
France Protest: नेपाल में इन दिनों जबरदस्त उथल-पुथल हो रही है। भ्रष्टाचार के खिलाफ जनता ने सड़कों पर जमकर विरोध किया, जिसके बाद सरकार गिर गई और प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा। अब इसी तरह का बवाल एक और देश में मचा हुआ है, और वह देश है फ्रांस। (France Protest) फ्रांस में इन दिनों सड़कों पर अराजकता और संसद में अस्थिरता दोनों देखी जा रही हैं। बुधवार सुबह पेरिस और अन्य बड़े शहरों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जबरदस्त भिड़ंत हुई। “ब्लॉक एवरीथिंग” नाम से शुरू हुआ यह आंदोलन पूरे देश में परिवहन व्यवस्था को प्रभावित कर चुका है। पेरिस में अकेले 200 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया।
France Protest: फ्रांस में प्रदर्शनकारियों का उथल-पुथल
नकाबपोश प्रदर्शनकारियों ने शहरों में जगह-जगह कचरे के डिब्बे और बैरिकेड्स लगाकर सड़कें जाम कर दीं। बोरदॉ और मार्सिले जैसे शहरों में भीड़ ने चौराहों को घेर लिया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर फ्लेयर्स और बोतलें फेंकी, वहीं पेरिस के रेलवे स्टेशन गारे दू नॉर पर भी उनका विरोध प्रदर्शन हुआ। पुलिस का कहना है कि अधिकतर गिरफ्तारियां सार्वजनिक व्यवस्था में खलल डालने की कोशिश करने के आरोप में हुईं। (France Protest) हालांकि, अधिकारियों का मानना है कि जैसे-जैसे दिन बढ़ेगा, यह विरोध और भी हिंसक हो सकता है। यह आंदोलन उस समय हुआ है जब राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने महज 24 घंटे पहले ही सेबास्टियन लेकोर्नू को देश का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया है।
फ्रांस में हालात बिगड़े, 80,000 पुलिस तैनात
सेबास्टियन लेकोर्नू ने संसद में भरोसा खो चुके पूर्व प्रधानमंत्री फ्रांस्वा बायरो की जगह ली है। बायरो को सोमवार रात अपने आत्मविश्वास मत में हार का सामना करना पड़ा, जिसके बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। बायरो ने देश का कर्ज घटाने के लिए करीब £35 अरब (लगभग 3.7 लाख करोड़ रुपये) की कटौती योजना पेश की थी, लेकिन यह कठोर कदम जनता को पसंद नहीं आया और उनके नेतृत्व में सरकार गिर गई। (France Protest) अब फ्रांस में हालात और बिगड़ते जा रहे हैं। इस आंदोलन को काबू में करने के लिए सरकार ने 80,000 से ज्यादा पुलिस और सुरक्षा बल तैनात किए हैं।
प्रदर्शनकारी सिर्फ सड़कों और रेल यातायात को रोकने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि अब वे तेल डिपो, सुपरमार्केट और पेट्रोल पंपों को भी निशाना बना रहे हैं। (France Protest) कुछ समूहों ने सोशल मीडिया पर लोगों से दुकानों में लूटपाट करने की अपील भी की है। यह नया आंदोलन फ्रांस के पहले के ‘यलो वेस्ट्स’ आंदोलन की याद दिला रहा है, जिसने कुछ साल पहले राष्ट्रपति मैक्रों को अपनी नीतियों में बदलाव करने पर मजबूर कर दिया था।