
Lakhimpur Kheri: गोला वन रेंज में आदमखोर बाघिन पकड़ी गई, गांवों में राहत
Lakhimpur Kheri: लखीमपुर खीरी के गोला गोकर्णनाथ वन रेंज में बीते 2 महीने से आतंक का पर्यायव बन चुकी बघिन को वन विभाग की टीम ने कड़ी मस्कत के बाद पिंजरे में कैद कर दिया है बताया जाता है एक युवक समेत करीब तीन दर्जन मवेशियों को भी अपनी भूख का शिकार बन चुकी हैगोला वन रेंज में पिंजरे में कैद हुई हमलावर बाघिन; (Lakhimpur Kheri) पिंजरे में दहाड़ मारती रही, 25 से ज्यादा गाँव में दहशत बनी थीलखीमपुर खीरी के गोला वन रेंज में आतंक का पर्याय बनी बाघिन गुरूवार की रात पिंजरे में कैद हो गयी ।
देवीपुर गांव में लगाये पिंजरे में बाघिन कैद होने के बाद लगातार दहाड़ लगाती रही । ग्रामीणों ने सोचा कि बाघ कहीं आसपास ही है लेकिन, जब पिंजरे की ओर गये तो देखा वह पिंजरे में कैद है । जिसके बाद वन विभाग की टीम को सूचित किया गया । मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने लोगों को पिंजरे से दूर रहने की अपील की । (Lakhimpur Kheri) सुबह होते ही वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और बाघिन को जंगल की ओर लेकर पहुँचे हैं । बाघिन के पकड़े जाने के बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली ।
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बता दें कि बाघिन की वजह से आसपास के करीब 25 से ज्यादा गाँव में लोग पिछले 5 माह से डर के साये में जी रहे थे। बाघिन द्वारा 50 से ज्यादा पालतू पशुओं का शिकार किया है। (Lakhimpur Kheri) गोला वन रेंज के वलारपुर, महारताला, बंजरिया, भूपपुर, कुंवरपुर, केसरीपुर, नया श्यामपुर, बल्दीपुर, दुलारेपुर, रमतलिया, निपनिया , नया गांव, सिद्दनपुर, तिलकपुर, खैरताली, प्रतापपुर, बरगदिया, रत्नापुर आदि गाँव में बाघों की दहशत से लोग खेतों में नहीं जा पा रहे थे ।
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इन गाँव में लगातार बाघों ने 50 से ज्यादा पालतू पशुओं का शिकार किया है । (Lakhimpur Kheri) आसपास के गाँव के घरों में घुसकर गाय, भैंस, बकरी खींच ले जाना आम बात हो गयी है। किसानों के फार्म पर पाले जाने वाले कुत्ते भी अब नहीं बचे हैं । किसानों का कहना है कि दीवार कूदकर बाघ ने कई जर्मन शेफर्ड कुत्तों का शिकार किया है ।