
Lucknow News: लखनऊ में कार चढ़ाकर कारोबारी को जान से मारने का प्रयास! CCTV आया सामने, पुलिस पर पीड़ित ने लगाए गंभीर आरोप
Lucknow News: राजधानी लखनऊ में एक कारोबारी पर बीते 5 सितंबर की देर रात जानलेवा हमला हुआ, जिसने पुलिस कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। 36 वर्षीय पीड़ित संदीप प्रताप सिंह 36 ने बताया कि 5 सितंबर की रात वह गोमतीनगर विनय खंड स्थित बिस्मिल्लाह बिरयानी रेस्टोरेंट पर खाना खा रहे थे। इसी दौरान सुमेंद्र यादव अपने 10-12 साथियों के साथ पहुंचा और बैठने को लेकर विवाद शुरू कर दिया। विवाद इतना बढ़ा कि पिस्टल की बट से वार कर उनका सिर फाड़ दिया गया।
इसके बाद आरोपियों ने लात-घूंसे और कुर्सियों से पिटाई कर दी। सिर से खून बहने लगा और वे मौके पर ही बेहोश होकर गिर पड़े। पीड़ित का दावा है कि इस दौरान उनकी गाड़ी पर चढ़ाकर हत्या का प्रयास भी किया गया, मगर वहां मौजूद लोगों ने किसी तरह उनकी जान बचाई। (Lucknow News) इस मामले में पीड़ित का आरोप है कि शिकायत के बाद पुलिस ने हत्या के प्रयास की धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के बजाए शांतिभंग आदि जैसी हल्की धाराओं मुकदमा दर्ज कर मामले को रफा दफा कर दिया।
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Lucknow News: FIR में लगाई हल्की धाराएं, हत्या के प्रयास की धारा गायब
पीड़ित ने बताया कि हमला करने वालों में सुमेंद्र यादव, पंकज यादव, तुषार यादव, शुभम यादव, दिवाकर चौधरी समेत 10-12 अज्ञात लोग शामिल थे। लेकिन मामले में 6 सितंबर को सुमेंद्र यादव समेत 10-12 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस ने IPC की धारा 115(2), 352, 351(2), 191(2) और 131 में केस दर्ज किया। (Lucknow News) पीड़ित का आरोप है कि यह हमला हत्या की नीयत से किया गया था, फिर भी पुलिस ने दंगा और शांतिभंग जैसी हल्की धाराओं में कार्रवाई की। संदीप ने कहा कि उनके सिर पर 6 टांके आए, आंख और पीठ पर गंभीर चोटें हैं, फिर भी हत्या के प्रयास की धारा 307 नहीं लगाई गई।
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पीड़ित ने बताया कि 14 सितंबर को जब वह मेडिकल जांच के लिए थाने पहुंचे, तब वहां विपक्षी पक्ष के 15-20 लोग पहले से मौजूद थे। इसी बीच आरोपियों से जुड़े अमन यादव नाम के शख्स की आईडी से एक वीडियो अपलोड हुआ, जिसमें थाने के बाहर खड़े होकर गालियां दी जा रही थीं और धारा 151 में चालान का जिक्र था। (Lucknow News) इस वीडियो की जानकारी जब घटना की जांच कर रहे विवेचक की दी गयी तो अपलोड हुआ वीडियो कुछ ही मिनटों में डिलीट कर दिया गया। पीड़ित का आरोप है कि पुलिस की लापरवाही और दबाव के चलते आरोपी खुलेआम गुंडई कर रहे हैं, जबकि उनके सिर में टांके लगे हैं और अभी भी वह चोटिल हैं।
पीड़ित ने पुलिसिया कार्यशैली पर खड़े किए सवाल
पीड़ित ने बताया कि मामले में जब हत्या के प्रयास की धारा जोड़ने को कहा गया तो गोमतीनगर थाना पुलिस का कहना था कि मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद धाराएं बढ़ाई जाएंगी और मामले में सख्त कार्रवाई होगी। पुलिस ने दावा किया कि तीन आरोपियों को पकड़कर धारा 151 में चालान किया गया था। हालांकि, पीड़ित और उनके परिजन का कहना है कि पुलिस शुरुआत से ही घटना को हल्के में ले रही है। (Lucknow News) सवाल यह भी उठ रहे हैं कि जब वारदात के चश्मदीद मौजूद हैं और पीड़ित के सिर में गंभीर चोटें हैं, तो हत्या के प्रयास की धारा क्यों नहीं जोड़ी गई। अब देखना यह है कि मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद पुलिस वास्तव में कड़ी कार्रवाई करती है या मामला केवल कागज़ों में सीमित रह जाता.