
Rabri Devi Raghopur: लालू के गढ़ में घिरी राबड़ी देवी, राघोपुर में लोग हुए आग बबूला, कार को घेर कर बुजुर्ग ने किया बवाल
Rabri Devi Raghopur: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण के मतदान में अब कुछ ही दिन बाकी हैं और NDA से लेकर महागठबंधन तक, सभी ने चुनावी प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। इसी बीच, एक वीडियो ने पूरे बिहार की राजनीति का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। (Rabri Devi Raghopur) यह वीडियो उस समय का है जब राबड़ी देवी, अपने बेटे और महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव के लिए प्रचार करने राघोपुर पहुँची थीं। वहाँ उन्हें जनता के तीखे और सीधे सवालों का सामना करना पड़ा, जिससे लालू परिवार के गढ़ में बढ़ते असंतोष का पता चलता है।
Rabri Devi Raghopur: परंपरागत गढ़ में जनता का फूटा गुस्सा
राघोपुर सीट को लालू परिवार का परंपरागत और सबसे सुरक्षित गढ़ माना जाता है। खुद लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी यहाँ से कई बार विधायक रह चुके हैं, और तेजस्वी यादव भी 2015 से लगातार इसी सीट से चुनाव जीतते आए हैं। लेकिन इस बार, लालू परिवार के इस मजबूत किले में हालात बदले-बदले नज़र आ रहे हैं। (Rabri Devi Raghopur) विरोध की यह घटना राघोपुर के पहाड़पुर इलाके में हुई। (Rabri Devi Raghopur) जब राबड़ी देवी का काफिला जनता से मिलने पहुँचा, तो भीड़ में से एक बुजुर्ग ने उनके काफिले को रोक लिया। उन्होंने सीधे राबड़ी देवी से नाराजगी जताते हुए कहा, “आप लोग राघोपुर को सौतेला बेटा मानते हैं।” बुजुर्ग मतदाता ने अपनी बात को और स्पष्ट करते हुए कहा कि तेजस्वी यादव कभी क्षेत्र में दिखाई नहीं देते, और सबसे बड़ी बात यह कि बाढ़ के समय भी लोगों की मदद के लिए नहीं आए, जब लोगों को उनकी सबसे ज्यादा जरूरत थी। यह सीधा आरोप था कि विधायक केवल चुनाव के समय ही क्षेत्र में दिखते हैं।
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राबड़ी ने मुस्कान के साथ झेला विरोध
जनता के तीखे सवालों का सामना करना राबड़ी देवी के लिए आसान नहीं था। उन्होंने स्थिति को शांत करने की कोशिश करते हुए कहा, “राघोपुर बिहार का सबसे प्यारा विधानसभा क्षेत्र है।” लेकिन बुजुर्ग का गुस्सा शांत नहीं हुआ। उन्होंने तुरंत पलटवार किया और कहा—“तेजस्वी जी बाढ़ में नहीं, सिर्फ चुनाव में घूमते हैं!” बुजुर्ग का यह बयान न केवल तेजस्वी यादव के लिए, बल्कि लालू परिवार के लिए एक बड़ा झटका है, जो राघोपुर को अपनी सबसे सुरक्षित सीट मानते हैं। (Rabri Devi Raghopur) राबड़ी देवी ने स्थिति को भांपते हुए शांत भाव से बुजुर्ग की बातें सुनीं और हाथ जोड़कर मुस्कुराते हुए आगे बढ़ गईं। उनके साथ मौजूद पार्टी कार्यकर्ताओं ने माहौल संभालने की पूरी कोशिश की, लेकिन राघोपुर की जनता की गहरी नाराजगी और सवाल पूछने का हौसला साफ दिखाई दिया।
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लालू परिवार के गढ़ में बदलते सियासी तेवर
यह घटना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि अब बिहार की राजनीति बदल रही है। राघोपुर विधानसभा सीट को भले ही हमेशा लालू परिवार की सबसे सुरक्षित सीट माना गया हो, लेकिन अब जनता के तेवर बदल गए हैं। (Rabri Devi Raghopur) लोग अब क्षेत्र में विकास, बाढ़ नियंत्रण और रोजगार जैसे बुनियादी मुद्दों पर नेताओं से सीधा जवाब मांगने लगे हैं। मतदाताओं की यह शिकायत कि विधायक केवल चुनाव के समय ही दिखते हैं, यह दर्शाती है कि अब केवल पारिवारिक विरासत के नाम पर वोट मांगना मुश्किल हो रहा है।
राघोपुर का यह ताजा उदाहरण दिखाता है कि बिहार के मतदाता अब अपने नेताओं को उनके काम और उपलब्धता के आधार पर परख रहे हैं, न कि केवल उनके राजनीतिक रसूख के आधार पर। यह घटना महागठबंधन के लिए एक बड़ी चेतावनी है कि उन्हें अपने गढ़ को सुरक्षित रखने के लिए अब केवल भावनात्मक अपील नहीं, बल्कि ठोस जवाबदेही दिखानी होगी।
