UP Women Safety at Workplace: योगी सरकार का ऐतिहासिक फैसला, UP में अब महिलाएं भी कर सकेंगी नाइट शिफ्ट में काम; सख्त नियम लागू
UP Women Safety at Workplace: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने महिला सशक्तिकरण के दिशा में ऐतिहासिक निर्णय लिया है। अब यूपी की महिलाएं भी कारखानों में रात की शिफ्ट में काम कर सकेगीं। श्रम विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के तहत इस फैसला को औपचारिक मंजूरी भी मिल गयी है। इसके साथ ही रात की शिफ्ट में कारखानों में काम करने वाली महिलाओं की सुरक्षा के दृष्टिगत विस्तृत दिशा-निर्देश भी जारी कर दिया गया है।
राज्य सरकार की ओर से औद्योगिक संस्थानों और कारखानों को यह अनुमति दे दी गयी है कि वह नाइट शिफ्ट में महिलाओं को रोजगार दे सकेंगे। (UP Women Safety at Workplace) नाइट शिफ्ट का समय रात्रि सात बजे से लेकर प्रातःकाल छह बजे तक का होगा। लेकिन नाइट शिफ्ट में महिलाओं की ड्यूटी लगाने से पहले उनकी लिखित सहमति भी जरूर लेनी होगी।
महिलाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने और लैंगिक समानता को बढ़ाना देने के मकसद से सरकार ने यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार के इस फैसले से न सिर्फ महिलाओं को रोजगार मिलेंगे बल्कि उद्योग जगत में महत्वपूर्ण भूमिका को मजबूती के साथ निभाने का अवसर भी मिलेगा। (UP Women Safety at Workplace) सरकार के इस निर्णय के बाद महिलाओं कार्यबल में इजाफा होगा और औद्योगिक उत्पादन को भी प्रगति मिलेगी। योगी सरकार के इस कदम से समाज में भी महिलाओं के प्रति दृष्टिकोण में सकारात्मक बदलाव भी होगा।
UP Women Safety at Workplace: महिलाओं की सुरक्षा सर्वोपरिः यूपी सरकार
यूपी की योगी सरकार का मानना है कि महिलाओं को कार्यक्षेत्र में प्रोत्साहन देने के साथ ही उनकी सुरक्षा भी सर्वोपरि है। कारखानों में नाइट शिफ्ट में महिलाओं की ड्यूटी लगाने से पहले सभी कारखानों को निर्धारित नियमों का पालन करना होगा। (UP Women Safety at Workplace) निर्धारित किये गये नियमों को तोड़ने पर सख्त कार्रवाई भी की जाएगी।
महिलाओं की आर्थिक स्वत्रंता, सम्मानजनक कार्य माहौल देने की दिशा में यह सराहनीय कदम है। नाइट शिफ्ट के समय सभी कार्यस्थल पर सीसीटीवी कैमरे, सुरक्षा गार्ड और पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था होनी चाहिए। इसके साथ ही महिलाओं के लिए गतंव्य तक जाने के लिए सुरक्षित परिवहन की सुविधा भी उपलब्ध करानी होगी। आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए फर्स्ट एड, महिला सुरक्षा प्रकोष्ठ और हेल्पलाइन नंबर की व्यवस्था भी होनी चाहिए।
